अच्छा नही लगता
खुद से भी मिलते रहिये जनाब! कभी-कभी वक़्त बेवक़्त,
इस कदर दुनियादारी मे हर वक़्त रहना लाजमी नही लगता।
खुद को भूल बैठे हो कभी तो यह भी जान जाओगे तुम,
पर ताने दे इस बात का दुनिया तो यह अच्छा नही लगता।
जज्बा है जवानी का तो हुनर को भी सभी सलाम कर लेगे,
लेकिन उम्र की ढ़लान का इश्क़ किसी को अच्छा नही लगता।
जी लो जी भरकर जिन्दगी खुद ही खुद से यह वादा कर लो,
जवानी मे जूनून से मुंह मोड़ लेना बिल्कुल अच्छा नही लगता।
उम्र है अभी तो थोड़ी सी कभी कुछ शरारत भी कर लो,
बुढ़ापे में अखबार मे छपे किस्सा तो अच्छा नही लगता।
Comments
Post a Comment