जल है जीवन
शीर्षक:- जल है जीवन जल है जीवन जल है पावन जल से सारा संसार चले। जीव- जन्तु और पेड़-पौधें, इससे ही पले बड़े होते। लगता है जग सब हरा-भरा, सुन्दर-सुन्दर सब वसुन्धरा। तुम तनिक समझ लो महत्व इसका, जल बिन जीवन सम्भव न किसी का। पीने योग्य सीमित ही जल है, जल है तब ही निश्चित कल है। जल संरक्षण से ही भविष्य हमारा, कर लो मन मे यह प्रण प्यारा। आओं मिलकर जल को बचाये, इसे निरर्थक हम कभी न बहाये। मिलकर देते है हम यह सन्देश, जल संरक्षण कर बनाओ सुन्दर देश। जल है जीवन,जल है पावन,जल से ही सारा संसार चले। हर नागरिक दायित्व समझकर जल संरक्षण की राह चले।। रचनाकार:- अभिषेक कुमार शुक्ला सीतापुर,उत्तर प्रदेश