मजदूर हूँ

मजदूर हूँ 
पैदल चल पड़ा 
घर की ओर


विपदा आयी
सबने छोड़ दिया
मौत की ओर


आशावादी हूँ 
खुद ही जीत लूँगा
यह युद्ध भी


तुम कौन हो?
समाज या शासन
बोलो खुद ही


बन निष्ठुर
हमे ढ़केल दिया 
काल की ओर...!!'

Comments

Popular posts from this blog

हम स्कूल चलेंगे

विश्वासघाती

अभागिन माँ की वेदना#justice 4 twinkle