कीमत तय है

शीर्षक-  कीमत तय है

ईर्ष्या,प्रेम और जज़्बात की
रिश्तों में खटास और मिठास की
जीवन में दुःख और उल्लास की
भविष्य में प्रकाश व अन्धकार की
पर कीमत तय है हर बात की।

तपन हो सूरज की किरणों की
शीतलता चंद्रमा में आकाश की
अपने और गैरों में विश्वास की
बात हो वर्तमान या भूतकाल की
पर कीमत तय है हर बात की।

वादा हो या बात हो बेवफ़ाई की
शान्त मन में उमड़ी तन्हाई की
कुंठा में जीत आरोप प्रत्यारोप की
हार मान लेना किसी की दुहाई की
पर कीमत तय है हर बात की।।

रचनाकार
अभिषेक शुक्ला 
सीतापुर, उत्तर प्रदेश

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