अभिषेक

'हाँ हम स्कूल चलेंगे जहाँ हम खूब पढेंगे।' अपनी इन पंक्तियों से पीलीभीत जिले के अमरिया ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय लदपुरा मे शिक्षा की अलख जगाने वाले मूलरूप से तहसील महोली के ग्राम अल्लीपुर बंडिया के निवासी अभिषेक कुमार कर्मठ शिक्षक व लेखक है। जिन्होने अपनी स्वरचित कविताओं से 'स्कूल चलो अभियान' मे अपना पूर्ण सहयोग किया है।इसी के साथ बच्चों को स्वास्थ्य,स्वच्छता व शिक्षा के प्रति अपनी कविताओं से जागरुक किया है तथा देश प्रेम की भावना को जाग्रत किया है। आपने अंग्रेजी वर्णमाला का सरलता से ज्ञान कराने के लिए व लूडो के माध्यम से विटामिन की जानकारी से सम्बंधित खेल शिक्षण विधि पर आधारित नवाचारों को भी बनाया और अपनाया है।इससे आपने बाल केंद्रित शिक्षा को साकार किया है। आप द्वारा नवाचार के रूप मे एक 'मैजिकल बैग' भी बनाया गया है,जिसमे विषय वस्तु से जुड़ी हुई चीजे कक्षा मे लेकर बच्चे कौतूहलपूर्वक देखने लगते है और धीरे-धीरे जब थैले से वस्तुयें निकालकर आप पढ़ाना चालू करते है तब बच्चे आसानी से कठिन से कठिन विषय को आसानी से समझ जाते है। आप द्वारा महीने मे शत-प्रतिशत उपस्थित रहने वाले और परीक्षा मे अपनी कक्षा मे अच्छे अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को निजी खर्चे पर पुरस्कृत भी किया जाता है। पुरस्कार स्वरूप आप द्वारा घड़ी,कापी व अन्य शिक्षण सम्बन्धी वस्तु वितरित की जाती है।आपके प्रकृति प्रेम व नवाचारी स्वभाव की झलक पुरस्कार वितरण मे भी दिखती है। आप द्वारा पिछ्ले कुछ महीनो से पुरस्कार मे ऐसी पेंसिल को वितरित किया जा रहा है,जो कागज से बनी हुयी है और जिसकी कैप मे विभिन्न पौधों के बीज भरे हुये है।इसका प्रयोग करने के बाद पेंसिल जहाँ मिट्टी मे दबा दी जाती है।कागज के गल जाने के बाद,बीज से पौधे निकल आते है।आपके नवाचार अन्य शिक्षकों द्वारा भी अपनाये जा रहे है।आपने निजी खर्चे पर विद्यालय में व्हाईट बोर्ड भी लगवाये है। जब आप कहते है कि,प्यारे बच्चों, प्यारे बच्चों आओ मेरे पास, दूर वहाँ क्यों बैठो हो तुम, हो क्यों इतने उदास?" आपके इन्ही स्वरों को सुनकर कक्षा का माहौल बन जाता है और बच्चे खुश हो जाते है। आप स्वयं ही विषय वस्तु से सम्बंधित कविताये भी लिखते है और टी.एल.एम का निर्माण करते है ताकि बच्चों को सरल व प्रभावी शिक्षण से लाभान्वित किया जा सके। आप द्वारा निजी खर्चे पर बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर साल मे एक बार ले जाया जाता है,ताकि बच्चे ज्ञान की वास्तविकता को समझ सके।आप बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर पढ़ाने के साथ उनके साथ खेल भी खेलते है।आपकी कई शिक्षा सम्बंधी कविताये अमेरिका के पिट्सबर्ग से प्रकाशित 'सेतु' नामक द्विभाषिक पत्रिका मे प्रकाशित हो चुकी है। आपने अपने नवाचारो व शैक्षिक प्रयासों के द्वारा बेसिक शिक्षा का उत्थान करते हुये अपनी जन्मभूमि सीतापुर जिले का भी मान बढ़ाया है।

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