मेहनतकश औरत

खुशियाँ किसी तख्तोताज की मोहताज़ नही होती,
धन दौलत ही खुशियों का प्रतिमान नही होती। 
होठों पर मुस्कान गरीब के भी सज सकती है, 
खुशियाँ सिर्फ अमीरो की जागीर नही होती। 
मेहनतकश औरत के चेहरे पर पसीना भी जंचता है, 
खूबसूरती सिर्फ पाउडर और लिपिस्टिक मे नही होती। 
सुनहरे ख्वाबों के समन्दर बसते है चमकीली आँखो मे, 
बह न जाये इसी डर से बेवक़्त इनसे बरसात नही होती। 
पसीने की बूंदे सजती है ललाट की लालिमा बनकर, 
माथे की बिन्दिया ही केवल सच्चा श्रृंगार नही होती।
खुशियाँ किसी तख्तोताज की मोहताज नही होती।।



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