माँ
शीर्षक:- माँ का दुलार
"जो नज़रों से परख ले
वो माँ होती है।
दर्द को दिल मे जो रख ले
वो माँ होती है।
कर कोई काम तू बुरा खुदा से चाहे हो छुपा,
जो तेरा चेहरा भांप ले,
वो माँ होती है।
जो कष्ट तेरे छीन ले
चुभते कांटे बीन ले
तुझपे प्यार वार दे,
वो माँ होती है।।
जब भी तू उदास हो
भले कोई ना पास हो
जो सदैव साथ दे ,
वो माँ होती है।
जो तुझको जन्म दे
तेरे मुख को चूम ले
हो तू कष्ट में तो रोती है,
वो माँ होती है।।
अभिषेक शुक्ला " सीतापुर "
"जो नज़रों से परख ले
वो माँ होती है।
दर्द को दिल मे जो रख ले
वो माँ होती है।
कर कोई काम तू बुरा खुदा से चाहे हो छुपा,
जो तेरा चेहरा भांप ले,
वो माँ होती है।
जो कष्ट तेरे छीन ले
चुभते कांटे बीन ले
तुझपे प्यार वार दे,
वो माँ होती है।।
जब भी तू उदास हो
भले कोई ना पास हो
जो सदैव साथ दे ,
वो माँ होती है।
जो तुझको जन्म दे
तेरे मुख को चूम ले
हो तू कष्ट में तो रोती है,
वो माँ होती है।।
अभिषेक शुक्ला " सीतापुर "
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