बड़े सयाने लोग

तारीफ़ न सही तो आलोचना ही कर दिया करो, 
गर हो गये हो गूंगे तो इशारा ही कर दिया करो। 
सयाने बनकर देखते हो तुम 
चलन सारे जमाने का ... 
गर चुप ही रहना है तो निगाहें नीची कर लिया करो।

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