कोरोना बेवफाई

     बुरी नजर वाले चीन तेरा मुँह हो काला तूने निर्मोही ये कैसा वायरस बना डाला। तूने रिश्तों की कर डाली है ऐसी की तैसी, फिर मधुरता न होगी सम्बन्धों मे पहले जैसी। कोरोना ने आकर रिश्तों मे आग लगायी, जीवन है कीमती यह बात भी समझायी। कोरोना तो अब प्यार पर भी भारी हो गया, जो था सबसे प्यारा वह अब बेगाना हो गया। लाख मिन्नतों पर राँझे से हीर न मिलने आयी, सोशल डिस्टेंसिंग की हीर ने दी खूब दुहाई। बेताब! राँझे को एक बात भी समझ न आयी, उसने की वफ़ा पर बदले मे मिली बेवफाई। कोरोना के ड़र से तू आज न मिलने आयी, कसम तुझे अब तू झेलेगी बड़ी लम्बी जुदाई। कोरोना का इलाज तो किसी तरह हो जायेगा, पर बोल तेरा राँझा तुम बिन कैसे जी पायेगा। मुबारक हो तुझे ये कोरोना काल की चालाकियाँ, पर अब तुझे न मिलेगी दोबारा कोई माफियाँ। मै भी अब सेनेटाईजर से प्यार करूँगा, मास्क पर अपनी जान निसार करूँगा। सोशल डिस्टेंसिंग का खूब पालन करूँगा, बेवजह अब न घर से बाहर निकालूँगा। पर सुन लो हीर!तुम सा ना कभी निर्दयी बन पाऊँगा, जो मिलने को कहेगा उससे खूब मिलने भी जाऊँगा। सुनो!हीर तुम्हारी तरह मै न कोई झूठे बहाने बनाऊँगा, रिश्ते निभाऊँगा सारे और सेनेटाईजर से नहाऊँगा।

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