मन करता है

 मन करता है... कि जी लूं कभी अपने हिस्से का जीवन 
कुछ न सोचूं न ही कुछ समझूँ। 
बन यायावर ... देखूँ सब कुछ 
चहुँ दिशाओं मे कुछ न माँगू न ही कुछ जानूं। 
मन करता है... कि बन फक्कड आवारा घूमू 
कुछ न खाऊँ न ही कुछ पीयूं। 
मन करता है... बस...मन करता है।। 

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