दर्द

जो है अपने खुद ही दर्द को पहचान लेंगे,
मुनासिब नही है जाहिर वो हर बात करे।
आपके दर्द से वाकिफ़ पूरी तरह से है, 
नासूर न बने दर्द इसलिये चुप रहते है। 
दुआ है कि हालात कुछ ठीक हो जाये, 
खुशियों के बीच आप दर्द को भूल जाये।

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