दर्द
जो है अपने खुद ही दर्द को पहचान लेंगे,
मुनासिब नही है जाहिर वो हर बात करे।
आपके दर्द से वाकिफ़ पूरी तरह से है,
नासूर न बने दर्द इसलिये चुप रहते है।
दुआ है कि हालात कुछ ठीक हो जाये,
खुशियों के बीच आप दर्द को भूल जाये।
अभिषेक शुक्ला "सीतापुर" नवोदित रचनाकार है।आपकी रचनाएँ वास्तविक जीवन से जुडी हुयी है।आपकी रचनाये युवा पाठको को बहुत ही पसंद आती है।रचनाओ को पढ़ने पर पाठक को महसूस होता है कि ये विषयवस्तु उनके ही जीवन से जुडी हुयी है।आपकी रचनाये अमर उजाला,रचनाकार,काव्यसागर तथा कई समाचार पत्रो व पत्रिकाओ मे प्रकाशित हो चुकी है।आपकी कई रचनाये अमेरिका से प्रकाशित विश्व प्रसिद्ध मासिक पत्रिका "सेतु "मे भी प्रकाशित हुई है।आपने अपनी रचनाओ से अपनी मातृभूमि जिला सीतापुर का गौरव व सम्मान बढ़ाया है।
Namukin
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