सत्य व शाश्वत त्रिभुवन सरकार

शीर्षक: त्रिभुवन सरकार 


शीर्षक: सत्य व शाश्वत त्रिभुवन सरकार 

हमने अपने प्रजातांत्रिक भारत देश मे अनेक बार सरकार बनती और बिगड़ती देखी है। देश, प्रदेश और पूरी दुनिया मे सुव्यवस्थित रूप से जन कल्याण,विकास,सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा को प्राथमिकता देते हुये विकास पथ पर सुचारू रूप से बढ़ने के लिये सरकार का गठन किया जाता है।बहुमत प्राप्त दल को संवैधानिक आधार पर सरकार बनाने का अवसर दिया जाता है। सरकार लगभग पाँच वर्ष के बाद चुनाव उपरांत पुन: परिवर्तित होने की संभावना होती है। सरकार का चुनाव जनता द्वारा मतदान के आधार पर किया जाता है। मतदाता ही अगली सरकार का निर्धारण करने वाले भाग्य विधाता होते है। इस लोक मे सरकार तो आती जाती रहेगी किन्तु तीनो लोको की सरकार स्थायी और कल्याणकारी है। जो सरकार प्रभु श्रीराम की अनुकम्पा पर चलती है। 
"दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥ सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥" 

वेद,पुराण,उपनिषद और साधु-संतों के माध्यम से उस अलौकिक शक्ति का गुणगान हम बचपन से सुनते आये है। प्रभु की लीला अपरंपार है। उसकी व्याख्या कर पाना मुमकिन ही नही है। प्रभु श्रीराम तीनो लोकों की सरकार के महामहिम है। उन्ही के नाम से जीवन प्रारम्भ होता है और राम जोहार मे व्यतीत होता है और राम नाम सत्य के साथ ही परलोक गमन होता है। इस सरकार मे प्रधानमंत्री श्री शिव शंकर महादेव जी है। जिनके आदेश और अनुकम्पा से ही जीवन खुशहाल रहता है और हर- हर महादेव के जयघोष से प्राणिमात्र का जन्म सफल हो जाता है। सृष्टि के पालनहार श्रीहरि विष्णु जी कुशल व्यवस्थापक है,जो अपने भक्तजनों के सारे कष्ट हर लेते है। गृहमंत्री श्री ब्रम्हाजी सारी सृष्टि की रचना कर उनके जीवन यापन का मार्ग प्रशस्त करते है। श्री गणेश जी अध्यक्ष पद की गरिमा को बढ़ाते है और आपकी इच्छानुरूप ही किसी भी कार्य को प्रारंभ किया जाता है। रक्षामंत्री हनुमान जी सभी की रक्षा करते है। हनुमान चालीसा मे लिखा है कि- 
"नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा। 
संकट ते हनुमान छुडावै, मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥" 
इसीलिये हनुमान ध्वज फहराकर ही कथा और पावन अनुष्ठान आदि किये जाते है। 

मानव जाति को बुद्धि,विवेक और संगीत का ज्ञान देने वाली माँ सरस्वती शिक्षा मंत्री के पद को सुशोभित करती है। वित्तमंत्री माँ लक्ष्मी जी ऐश्वर्य व धन सम्पदा प्रदान करती है। स्वतंत्र प्रभार मंत्री माँ अन्नपूर्णा सबकी क्षुधा को शान्त करती है। प्रसार मंत्री श्री नारद जी तीनो लोको मे खबरों का प्रचार प्रसार करते है और नारायण- नारायण का जाप करते है। तीनो लोको की यह सरकार शाश्वत और अनन्त है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस मे लिखा है कि- 
"राम राज बैठे त्रैलोका, हरषित भये गये सब सोका। 
बयर न कर काहू सन कोई, राम प्रताप बिषमता खोई।" 

यह सरकार जन्म-मरण तक सीमित न होकर अपितु इस लोक से परलोक तक की यात्रा मे मानव जाति पर अपनी दिव्य दृष्टि रखती है। इस सरकार मे स्वास्थ्य मंत्री के दायित्व का निर्वहन श्री अश्विनी कुमार जी करते है। कृषि मंत्री श्री मेघराज जी प्रकृति को हरा- भरा और जीवन्त बनाते है।सिचाई मंत्री श्री इंद्र जी फ़सल और पैड-पौधों को जल और जीवन प्रदान कर मानव और पशु- पक्षियों का कल्याण करते है। त्रिभुवन की सरकार आदि से अनंतकाल तक स्थायी और कल्याणकारी है। ईश्वर से प्रार्थना है कि अपनी कल्याणकारी दृष्टि हम सब पर बनाये रखे और हमारी गलतियों को क्षमा करते हुये, हम सबको सुखमय और सुरक्षित जीवन प्रदान करने की कृपा करे। 

 लेखक:- 
अभिषेक कुमार शुक्ला 
सीतापुर, उत्तर प्रदेश

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