जरा ! देख के चलो
लेख - 'जरा! देख के चलो'
प्राचीनकाल में मानव स्वयं के विवेक के अनुसार जंगलो के बीच से रास्ते खोजकर अपनी मंजिल तक पहुँचता था। धीरे-धीरे कच्चें रास्ते बने और हमारे पुरखे उन पर पैदल,साइकिल और बैलगाड़ी से चलने लगे। विकास का पहिया घूमा और फिर सड़को का निर्माण हुआ। समय परिवर्तित हुआ फिर फर्राटे भरते हुये अत्य- आधुनिक गाड़ियो का जमाना आ गया। दुर्घटनाएं भी बढ़ने लगनी जिसके कारण सरकार द्वारा यातायात के कुछ नियम बनाये गये ताकि सभी सुरक्षित रहे।
हम सबको पता है कि हमें सड़क पर बायी ओर चलना चाहिये। वाहन की गति कम रखनी चाहिये और यातायात के अन्य सभी नियमो, सड़क के किनारे बोर्ड पर दर्शाये गये संकेतो और यातायात पुलिस के दिशा निर्देशों को हमे अवश्य ही पालन करना चाहिये। दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट व चार पहिया वाहन का प्रयोग करते हुये सीट बेल्ट का प्रयोग अवश्य ही करे।
वाहनों का प्रयोग करने से सम्बंधित यातायात के नियमों से आप सब भलीभाँति परिचित है। यातायात के नियम पैदल चलने वालों के लिये भी है। जिस सड़क पर डिवाइडर बने हुये वहाँ पर आप सड़क के बायी ओर चले। जहाँ तक सम्भव हो फूटपाथ का ही प्रयोग करे।जिस सड़क पर डिवाइडर न हो, एकल सड़क हो वहाँ पैदल चलने वालो को दाहिने चलना चाहिये। आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि मैं ऐसा क्यों कह रहा ? ऐसा करने से आप सामने से आते हुये वाहनों को देख सकेंगे और दुर्घटना से बच सकेंगे।
सड़क का प्रयोग करते हुये हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। हम जब अति आवश्यक हो तभी वाहन का प्रयोग करे। कम दूरी या कही पास जाने के लिये सिर्फ़ पैदल ही जाये। कभी भी सड़क दौड़कर पार न करे। किसी वाहन का प्रयोग करने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि उसका इंजिन ,लाईट व उसके पहियों की हवा बिल्कुल ठीक है। कार की विंड स्क्रीन ठीक से साफ़ कर ले। यदि आप कोई भारी वाहन के चालक है तो यह जाँच कर ले कि उसमें मानक से अधिक वजन तो नही भरा है।
दुर्घटनाओं का सबसे मुख्य कारण यातायात नियमों का पालन न करना है। इसके अन्तर्गत सभी बातें आ जाती है जो दुर्घटना का कारण बनती है। इसमें नियमों की अनदेखी, तेज रफ्तार, नशा करना, गलत तरीके से ओवर टेकिंग करना, शार्ट कट का प्रयोग करना, इंडीकेटर का प्रयोग न करना और खराब मौसम में हेड़ लाईट को ऑफ़ रखना आदि शामिल है। इसी के साथ कम उम्र के बच्चों व अप्रशिक्षित चालकों द्वारा वाहन चलाना भी अत्यधिक खतरे को जन्म देता है। जब भी जाड़ो में घना कोहरा हो तब अपने वाहनों की हैड लाईट ऑन रखे। ट्रेक्टर की ट्रॉली व बैलगाड़ी में लाल रेडीयम का प्रयोग जरुर करे। जानकारी ही बचाव है।खराब सड़के भी दुर्घटनाओं को जन्म देती है। मुख्य सड़क से गाँवों के रास्ते जुड़े होते है। ऐसे मे उन लोगो से विशेष आग्रह है कि वह जब भी सम्पर्क मार्ग से मुख्य मार्ग पर आये तो बड़ी ही सावधानी बरतें। अधिक लोग बिना देखे ही मुख्यमार्ग पर आ जाते है, बायी और जाने पर आधी सड़क तक आकर गाड़ी सीधी करते है। जहाँ डिवाइडर नही है वहाँ पर तो ये दूसरे के लिये मुसीबत बन सकते है और खुद भी दुर्घटना का शिकार हो सकते है।
अब बात करते है कि दुर्घटनाओं को रोका कैसे जा सकता है। सभी जागरूक होकर यातायात के नियमों का पालन करे। किसी भी प्रकार का नशा सेवन व मद्यपान न करे। सावधानीपूर्वक समुचित जगह मिलने पर ओवरटेक करे। पार्किंग की जगह ही वाहन खड़ा करे। ट्रेफ़िक अलर्ट की जानकारी रखे। सिग्नल का पालन करे और ट्रेफ़िक पुलिस के निर्देशों को माने। जाम लगने की स्थिति में अपनी ही कतार में रहे। ज्यादा तीव्रता के हॉर्न वाहनों मे न लगाये। यदि नीद या थकान लग रही हो तो वाहन न चलाये। नाबालिग बच्चों को वाहन खरीद कर न दे और न ही उनसे वाहन चलवाये। पंजीकृत मोटर चालन स्कूल से वाहन सीखने के बाद व आरटीओ द्वारा जारी वैध लाईसेंस होने पर ही वाहन चलाये। गाड़ी के सारे दस्तावेज पूर्ण व अद्यतन रखे। गाड़ी को तेज न चलाये।अपने वाहन में म्यूज़िक सिस्टम पर संगीत तेज न बजाये और किसी से रफ्तार न मिलाये। सड़क पर सावधान रहे। यदि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।
सबसे मुख्य बात यह है कि यदि कोई दुर्घटना में घायल हो जाता है। आप उसे जानते हो या न जानते हो यह आपका कर्त्तव्य है और मानवता के नाते यह आपका दायित्व है कि आप उसे नजदीकी चिकित्सालय या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक अवश्य पहुँचाये। ज्यादा कुछ नही कर सकते तो आप इमरजेंसी नम्बरों पर फ़ोन करके पुलिस या एम्बुलेंस को जरूर सूचित कर दें। आपकी थोड़ी- सी सहायता किसी का जीवन बचा सकती है।
सरकार को भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि जहाँ पर ट्रेफ़िक ज्यादा है वहाँ सड़कों का चौड़ीकरण करे। खराब सड़को को दुरुस्त कर गड्ढ़ामुक्त बनाये।
हम सब दृढ़ संकल्प लेते है कि हम तो यातायात के सारे नियमों का जागरुकता से पालन करेंगे। परन्तु जो दुर्घटनाएं खराब और जर्जर सड़को के कारण होती है,उनके लिये जिम्मेदार कौन है? आप सब यातायात के नियमों का पालन करे, खुद को दुर्घटना से बचाये और दूसरों को भी सुरक्षित रखे।
लेखक:-
अभिषेक कुमार
प्राथमिक विद्यालय लदपुरा
जिला - पीलीभीत
उत्तर प्रदेश
मो.न. 7007987300
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