सच्चा इन्सान

"इन्सान तो इन्सान है इन्सान तो इन्सान ठहरा,
भाव है विचार है सुख-दुख से इसका नाता गहरा।
कुछ ख्वाब है कुछ है आशायें सपनो का कुछ ताना बाना,
दर-दर भटके जीवन खोजे नही कही है इसका ठिकाना।
रिश्ते जोड़े उन्हे निभाये रूठो को वह खूब मनाये,
तनिक खुशी मे जश्न मनाये घर सारे मेहमान बुलाये।
जीवन की गाड़ी यह कभी रुके कभी चलती जाये,
उलझन मे भी जो जीवन ढूढे वो सच्चा इन्सान कहाये।"

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