सुमिरन तेरा करुँ

सभी हनुमान भक्तो को अभिषेक शुक्ला द्वारा रचित व अमर उजाला में प्रकाशित काव्य रचना "सुमिरन तेरा करूं" समर्पित है। इसे आप प्रतिदिन प्रभु आरती के रूप में भी गा सकते है। श्री बजरंगबली के चरणों मे अर्पित है....ये पंक्तियां... 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 "कर दो प्रभु कृपा मैं सुमिरन तेरा करूँ, दे दो मुझे वरदान मैं हनुमान सा बनूँ। आदेश पर तेरे दुष्टों का संहार मैं करूँ, माता सीता की खातिर लंका दहन करूँ। हो कृपा तेरी तो मैं भी हनुमान सा बनूँ, कर दो प्रभू कृपा मैं सुमिरन तेरा करूँ।। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 दे दो मुझे वरदान मैं प्रह्लाद सा बनूँ, प्रभु कथा का वर्णन संसार मे करू। मुझ पर कर कृपा तू धरा पर अवतार धर ले, इस भक्त के तू पल में सारे कष्ट हर ले। हो कृपा तेरी तो प्रहलाद सा बनू, कर दो प्रभू कृपा मैं सुमिरन तेरा करूँ।। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 दे दो मुझे वरदान मैं बालि सा बनूँ, निज हित भूलकर मैं दान कर सकूं। जो दीन है,दुखी है,संग उनके परोपकार कर सकूं, संसार मे रहकर मैं भी कुछ उपकार कर सकूं। दे दो मुझे वरदान मैं बालि सा बनूँ, कर दो प्रभू कृपा मैं सुमिरन तेरा करूँ।। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ...