मैं भी सीख लूँगी
"कौन है दोषी कौन है शापित मेरी इस दुर्दशा का,
मेरे साथ हो रहा ऐसा क्या कोई पाप पूर्वजन्म का।
मैंने तो आँख थी खोली दुनिया मे सबकी तरह,
तो ये हाल क्यो मेरा खुदा भी क्यो बेपरवाह।
जन्म पर मेरे माँ ने खुशी से मुझे चूमा था,
फिर मुकद्दर का पहिया ये कैसा घूमा है।
जो जाते है स्कूल वो करते है क्या ऐसा,
मैं रोटी के लिए भटक रही मैंने किया क्या ऐसा।
मुझे आता है अपने हुनर को आजमाना,
मुझे दे दो मौका मैं भी पढ़ना सीख लूंगी।
मुझे आता है अपने पंखों को फड़फड़ाना,
तुम दाना तो दो मैं भी उड़ना सीख लूँगी।।"
*अभिषेक शुक्ला "सीतापुर"*
शिक्षक,विचारक,सहित्यसाधक
मेरे साथ हो रहा ऐसा क्या कोई पाप पूर्वजन्म का।
मैंने तो आँख थी खोली दुनिया मे सबकी तरह,
तो ये हाल क्यो मेरा खुदा भी क्यो बेपरवाह।
जन्म पर मेरे माँ ने खुशी से मुझे चूमा था,
फिर मुकद्दर का पहिया ये कैसा घूमा है।
जो जाते है स्कूल वो करते है क्या ऐसा,
मैं रोटी के लिए भटक रही मैंने किया क्या ऐसा।
मुझे आता है अपने हुनर को आजमाना,
मुझे दे दो मौका मैं भी पढ़ना सीख लूंगी।
मुझे आता है अपने पंखों को फड़फड़ाना,
तुम दाना तो दो मैं भी उड़ना सीख लूँगी।।"
*अभिषेक शुक्ला "सीतापुर"*
शिक्षक,विचारक,सहित्यसाधक
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