हिन्दूस्तान
शीर्षक:-"हिंदुस्तान"
"हम हिन्दू है हिन्दूस्तान की तस्वीर बदल देंगे,
उठी जो नजर बुरी उसकी तकदीर बदल देंगे।
हम माँ भारती के सपूत मानवता हमारा धर्म है,
देश और समाज सेवा ही सबसे पावन
कर्म है।
क्या मजाल है दुश्मन की जो बुरी नजर हम पर डाले,
माँ भारती की रक्षा हेतु हर पल लिये खड़े है हम भाले।
पावन धरा पर पले बड़े कितने है वीर यहाँ,
है मजाल किसकी जो डाले बुरी नजर यहाँ वहाँ ।
भारत मे कई भरत यहाँ शावकों संग खेलते है,
वीर भूमि मे रण बान्कुरो के निश दिन लगते मेले है।
शत शत नमन वन्दन हृदय से "अभिषेक" वीरो को करता है।
गर्व उसे कि वो भी महान "हिंदुस्तान" मे रहता है।।"
*अभिषेक शुक्ला "सीतापुर"*
"हम हिन्दू है हिन्दूस्तान की तस्वीर बदल देंगे,
उठी जो नजर बुरी उसकी तकदीर बदल देंगे।
हम माँ भारती के सपूत मानवता हमारा धर्म है,
देश और समाज सेवा ही सबसे पावन
कर्म है।
क्या मजाल है दुश्मन की जो बुरी नजर हम पर डाले,
माँ भारती की रक्षा हेतु हर पल लिये खड़े है हम भाले।
पावन धरा पर पले बड़े कितने है वीर यहाँ,
है मजाल किसकी जो डाले बुरी नजर यहाँ वहाँ ।
भारत मे कई भरत यहाँ शावकों संग खेलते है,
वीर भूमि मे रण बान्कुरो के निश दिन लगते मेले है।
शत शत नमन वन्दन हृदय से "अभिषेक" वीरो को करता है।
गर्व उसे कि वो भी महान "हिंदुस्तान" मे रहता है।।"
*अभिषेक शुक्ला "सीतापुर"*
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