होली मनाऊंगा
'चलो तुम संग नही खेलते रंग और गुलाल,न ही हम करेंगे इस बात का कोई मलाल।
जरा तुम भी स्मरण कर लेना,जब कोई और हाथ बढाये रंगने को तुम्हारे गाल।
जरा तुम भी स्मरण कर लेना,जब कोई और हाथ बढाये रंगने को तुम्हारे गाल।
सतरंगी रंगो को बिना छुए रह लूँगा,तुम बिन बेरंग से पल भी किसी तरह जी लूँगा।
होली खेलेंगे जब सब मिलकर,तब मै तुम्हारी खुशबू से खुद को रंग लूँगा।
जब सब मीठी गुझियां खायेंगे,तब मै तुम संग बिताये मीठे पलों मे खो जाऊंगा।
सब रंग बिरंगे नए कपड़े पहन सज जायेंगे,मै भी तेरे सतरंगी सपनो मे खो जाऊंगा।
मै प्यार के रंग से इस त्यौहार के रंग मे रंग जाऊंगा,प्रेम मे सराबोर हो मै तो होली मनाऊंगा।
चाहे कोरी रहे सारी दुनिया,पर मै तो तितलियों सा रंग मे रंग जाऊंगा।'
होली की हार्दिक शुभकामनाएं....
रचनाकार:-
*अभिषेक शुक्ला 'सीतापुर'*
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