चिराग

चिरागों से कह दो थोड़ा फुर्सत में रहे अब कुछ अँधेरे भी अच्छे हैं। 

लोगों के चेहरे पर चेहरा है यहाँ और उनमें राज भी बहुत गहरें है।

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