रद्दी

अनमोल थे मेरे विचार! 
फ़िर ...
अखबार में छपें और रद्दी हो गये। 

बेशकीमती थे हम हम उनके लिये! 
फ़िर ...इश्क़ हुआ 
और हम बेकार हो गये।।

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