मुस्कान बाकी है

शीर्षक:-"मुस्कान बाकी है"

बाढ़ आयी है तो आ जाने दो,
अभी भी कुछ उम्मीदे बाकी है।
घर डूब गया सब कुछ बह गया,
अभी भी कुछ अरमान बाकी है।
मुश्किलो के दौर आगे भी है बहुत,
अभी भी कुछ जिन्दगी बाकी है।
हौसलो से ही नसीब बदलता है यहाँ,
अभी भी कुछ मुझमे साहस बाकी है।
माना जिन्दगी उलझ गयी है बहुत,
अभी भी कुछ करने की चाहत बाकी है।
पिरो लूँगा हिम्मत का धागा फिर से,
अभी भी कुछ जीत की मुस्कान बाकी है।

रचनाकार:-
"अभिषेक शुक्ला सीतापुर"

>नोट:-केरल बाढ़ से

Comments

Popular posts from this blog

हम स्कूल चलेंगे

विश्वासघाती

एक दूजे का साथ