खूब पढ़े खूब बढ़े
शिक्षा ही जीवन का आधार है,
इसके बिना जीवन निराधार है।
शिक्षा ही जिन्दगी का सच्चा अर्थ बताती हैं,
सत्य और अनंत उन्नति का मार्ग बताती है।
शिक्षक नित नवीन सबक सिखाते है,
सब को स्वाभिमान से जीना सिखाते है।
बिन पढ़े लिखे लोग पशु समान होते है,
जो न पढ़ाये अपने बच्चे वो मातु पिता दुश्मन समान होते हैं।
जिंदगी में शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए।
'खूब पढ़े खूब बढ़े" ये जीवन का मूलमंत्र होना चाहिए।।
अभिषेक शुक्ला सीतापुर
इसके बिना जीवन निराधार है।
शिक्षा ही जिन्दगी का सच्चा अर्थ बताती हैं,
सत्य और अनंत उन्नति का मार्ग बताती है।
शिक्षक नित नवीन सबक सिखाते है,
सब को स्वाभिमान से जीना सिखाते है।
बिन पढ़े लिखे लोग पशु समान होते है,
जो न पढ़ाये अपने बच्चे वो मातु पिता दुश्मन समान होते हैं।
जिंदगी में शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए।
'खूब पढ़े खूब बढ़े" ये जीवन का मूलमंत्र होना चाहिए।।
अभिषेक शुक्ला सीतापुर
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